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Nasopharyngeal cancer: नासोफैरिंजियल कैंसर क्या है?

नासोफैरिंजियल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो नाक के पीछे स्थित नासोफैरिंजियल क्षेत्र में विकसित होता है। यह क्षेत्र नाक और गले के बीच स्थित है और फेलोपियन ट्यूब और फ़िब्रोइड की बूंदें निकालने में मदद करने वाले अंगों को चारिक करने में सहायक होता है। यह कैंसर अधिकतर एशियाई और मध्य पूर्वी क्षेत्रों में अधिक होता है, लेकिन यह अन्य क्षेत्रों में भी पाया जा सकता है।

नासोफैरिंजियल कैंसर का अधिकांश समय उसकी शुरुआत में लक्षणों का स्पष्ट नहीं होता है, जिसके कारण इसे पहचानना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसके सामान्य लक्षणों में गले में गांठ, नाक में बंद रहने वाली संवेदनशीलता, नाक से रक्त, और आवाज में बदलाव शामिल हो सकते हैं।

नसोफैरिंजीयल कैंसर किस कारण से होता है?

नासोफैरिंजियल कैंसर का निर्माण कई कारणों से हो सकता है, लेकिन इसकी विशेष कारणों की जानकारी सामान्यत: विचारशीलता और वायरस से संबंधित है। निम्नलिखित हैं कुछ मुख्य कारण:

  1. इन्फेक्शन: नासोफैरिंजियल क्षेत्र का कैंसर एक प्रकार का इन्फेक्शन से जुड़ा हो सकता है, जिसका कारण हो सकता है Epstein-Barr वायरस (EBV)। इस वायरस के संपर्क में आने के बावजूद, बहुत से लोग इससे प्रभावित नहीं होते हैं, लेकिन कुछ लोगों में यह कैंसर के लिए एक रिस्क फैक्टर बन सकता है।
  2. आदिवासीता और आंतरजालीय संबंध: नासोफैरिंजियल कैंसर अधिकतर आदिवासी और मध्य पूर्वी क्षेत्रों में देखा जाता है, और इसमें आंतरजालीय संबंधों का एक योगदान हो सकता है।
  3. आशावादी उपयोग और विषाणुजनित तत्वों का संप्रेषण: धूम्रपान और आशावादी उपयोग नासोफैरिंजियल कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकते हैं। विषाणुजनित तत्वों का संप्रेषण भी इसका कारण बन सकता है।
  4. आनुवंशिक प्रावृत्ति: आनुवंशिक तत्वों का बीजीयों में मौजूद होना भी नासोफैरिंजियल कैंसर के विकास के लिए एक कारण हो सकता है।
  5. प्रदूषण और अन्य कारण: अधिकतर आधुनिक जीवनशैली, अधिकतर उदासीन खानपान, प्रदूषण, और अन्य कारणों से भी नासोफैरिंजियल कैंसर का कारण बन सकता है।

नसोफैरिंजीयल कैंसर के लक्षण क्या है ?

नासोफैरिंजियल कैंसर के लक्षणों में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट लक्षण शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों की जानकारी से रोगी और चिकित्सक को यह सही समय पर निदान और उपचार करने में मदद मिल सकती है। यहां नासोफैरिंजियल कैंसर के सामान्य लक्षण दिए जा रहे हैं:

  1. नाक में बंदी भाग: एक सामान्य लक्षण है नाक में बंदी भाग जिसके कारण व्यक्ति नाक की संवेदनशीलता और बंदुकाई की स्थिति को महसूस कर सकता है।
  2. गले में गांठ: गले में महसूस होने वाली एक गांठ या सूजन हो सकती है, जो आकार में बदल सकती है।
  3. आवाज में बदलाव: व्यक्ति की आवाज में बदलाव या ध्वनि में असमान्यता हो सकती है।
  4. नाक से रक्त: नाक से रक्त का आना भी एक लक्षण हो सकता है, जो साधिका या असाधिक रह सकता है।
  5. आँख में असमान्य चीज महसूस करना: व्यक्ति को आँख में कुछ असमान्य महसूस हो सकता है, जैसे कि चुभन या अन्य असमान्य आवृत्तियों का महसूस करना।
  6. बहुत बार बुद्धि संबंधी लक्षणों के साथ: नासोफैरिंजियल कैंसर के कुछ रूपों में, व्यक्ति बुद्धि संबंधी लक्षणों के साथ अवस्था हो सकता है, जैसे कि चक्कर, मानसिक स्थिति में परिवर्तन, या अन्य न्यूरोलॉजिकल संकेत।

यदि किसी को इन लक्षणों में से कुछ भी महसूस होता है, तो वह तत्परता से चिकित्सक से मिलने और विशेषज्ञ द्वारा निदान और उपचार करवाने की सलाह लेना चाहिए।
इस तरह के संकेतों का अनदेखा न करके स्वस्थ जीवनशैली और नियमित चेकअप से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि ऐसी समस्याएं समय पर पहचानी जा सकें और उपचार की जा सकें।

नसोफैरिंजीयल कैंसर का उपचार क्या है ?

नासोफैरिंजियल कैंसर का उपचार नासोफैरिंजियल कैंसर की जानकारी, रोगी के स्वास्थ्य की स्थिति, और कैंसर की स्टेज पर निर्भर करता है। यहां कुछ मुख्य उपचार प्रणालियों का विवरण है:

  1. सर्जरी: यह नासोफैरिंजियल कैंसर का सामान्यत: प्रमुख उपचार है। सर्जरी के माध्यम से कैंसर को हटा दिया जाता है। इसमें ब्रचीथेरेपी, उपरी गुणमुख सर्जरी, और दूसरी सर्जिकल प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं।
  2. रेडिएशन थेरेपी: रेडिएशन थेरेपी उपचार के रूप में कैंसर को मारने और बढ़ने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च-तरंगता की बेम का उपयोग करती है। इंटेंसिटी-मॉड्यूलेटेड रेडिएशन थेरेपी (IMRT) और ब्राखीथेरेपी जैसी विशेष प्रक्रियाएं भी की जा सकती हैं।
  3. केमोथेरेपी: केमोथेरेपी कैंसर को खत्म करने और बढ़ने वाली कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का उपयोग करती है। यह सामान्यत: अन्य उपचारों के साथ संयुक्त रूप से किया जाता है।
  4. नासोफैरिंजियल कैंसर के उपचार के बाद सुविधा और चिकित्सा: इसके बाद, रोगी को नियमित चेकअप के लिए चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए ताकि चिकित्सक समय-समय पर स्थिति का मूल्यांकन कर सकें और उपचार में कोई बदलाव कर सकें। साथ ही, आदर्श जीवनशैली और स्वस्थ खानपान भी महत्वपूर्ण हैं।

उपचार की योजना व्यक्ति के स्वास्थ्य की स्थिति, कैंसर के स्टेज, और अन्य व्यक्तिगत कारकों पर निर्भर करती है, इसलिए सर्वोत्तम उपचार की योजना के लिए चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

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